Monday 21 December 2015

क्यो जाया गई मेरी कुर्बानी ?

क्या मेरा दर्द तुम सबने देखा नही था
वो एक भयानक सच था कोई धोखा नही था
मैने तो जलाई थी इंसाफ की एक चिंगारी
ताकि फिर किसी बेटी को न लुटे कोई हवस का पुजारी
फिर भी देश की बेटियों को हिफाजत नही मिली
गैंगरेप की आग मे न जाने कितनी जिन्दगी जली
और कितनी मासुमो को सुली पर चढ़ाओगे
रुह तक कांप उठे जिसे सुनकर वो सख्त कदम उठाओगे ?
मेरी बेबसी का किस्सा बनकर क्यो रह गई, एक कहानी
आज पुछती है दीमीनी क्यो जाया गई मेरी कुर्बानी ?


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